न्याय के रक्षक अब अपने अधिकारों के लिए सड़क पर हैं। वाराणसी में आज वकीलों का आक्रोश खुलकर सामने आया, जब दर्जनों अधिवक्ता डीएम कार्यालय के बाहर एकजुट होकर प्रदर्शन करने पहुंचे।देशभर में लगातार वकीलों पर हो रहे हमलों और उत्पीड़न के खिलाफ अधिवक्ताओं ने अपनी आवाज बुलंद की है। वाराणसी के अधिवक्ताओं ने आज "एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल" को जल्द से जल्द लागू करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।डीएम कार्यालय के बाहर जुटे अधिवक्ताओं ने नारेबाज़ी करते हुए राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई है कि केंद्र सरकार संसद में यह विधेयक लाए और कानून के माध्यम से अधिवक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करे।प्रदर्शन कर रहे वकीलों का कहना है कि न्याय दिलाने वाला यह वर्ग खुद असुरक्षित महसूस कर रहा है।
हम वो लोग हैं जो अदालतों में आम जनता की लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन जब हम पर हमला हो, तो किसके दरवाज़े पर जाएं? एक अधिवक्ता ने प्रशासन से सवाल किया।वकीलों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो अधिवक्ताओं को कार्यस्थल पर सुरक्षा मुहैया कराई जाए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल देशभर में लागू हो।अधिवक्ताओं के आत्मसम्मान और पेशे की गरिमा की रक्षा की जाए।वकीलों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन राज्यव्यापी और फिर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था तो की गई, लेकिन यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन एक गहरी पीड़ा और चेतावनी का संकेत भी दे गया अगर न्याय के रक्षक खुद असुरक्षित हैं, तो यह लोकतंत्र की आत्मा के लिए खतरे की घंटी है।अब वक्त है कि सरकार सुनवाई करे, और वकीलों की सुरक्षा को संवैधानिक दर्जा दे।