काशी हिंदू विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र द्वारा 'पद्मावत : स्त्री और प्रकृति' विषय पर व्याख्यान-सह-कवितापाठ का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल ने ‘पद्मावत’ को स्त्री-पुरुष संबंध, प्रेम, मित्रता और मानवीय मूल्यों का अद्वितीय महाकाव्य बताया।
उन्होंने कहा कि जायसी ने इसे सूफी प्रचार के लिए नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के लिए रचा।कवयित्री सुमन केशरी ने ‘द्रौपदी’, ‘गांधारी’ जैसी कविताओं और नाट्यांशों का प्रभावशाली पाठ किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. बिन्दा परांजपे ने की और संचालन डॉ. किंगसन सिंह पटेल, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मीनाक्षी झा ने किया। इस अवसर पर कई प्रख्यात विद्वान, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।