काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एग्जीक्यूटिव काउंसिल की नई नियुक्तियों को लेकर विवाद बढ़ गया है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को बीएचयू के केंद्रीय कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी में पूर्व में विद्वान और शिक्षाविदों को स्थान दिया जाता था, लेकिन अब उनकी जगह राजनीतिक पदाधिकारियों और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को शामिल किया जा रहा है।
छात्र सुमन आनंद ने कहा, “2011 की काउंसिल में योग्य शिक्षाविद थे, लेकिन नई काउंसिल में ऐसे लोग शामिल हैं जिनपर गंभीर आरोप हैं। यह विश्वविद्यालय की गरिमा के साथ खिलवाड़ है।” उन्होंने कुछ सदस्यों पर भूमि कब्जा, माफिया संबंध और बलात्कार के आरोपियों से नजदीकी जैसे गंभीर आरोप भी लगाए।प्रदर्शनकारी छात्रों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भी इस मुद्दे पर जवाब मांगा और मांग की कि विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी में केवल योग्य और निष्कलंक शिक्षाविदों की ही नियुक्ति हो।एनएसयूआई का कहना है कि जब तक नियुक्तियों पर पुनर्विचार नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।