इधर काफी पाबंदियां हैं मैं जिंदगी एन्जॉय करना चाहती हूं ये राधिका के वो शब्द हैं, जो अब सिर्फ एक व्हाट्सऐप चैट में बचे हैंराधिका, जो विदेश जाना चाहती थी खुलकर जीना चाहती थी अपने सपनों की उड़ान भरना चाहती थी लेकिन उससे पहले ही उसकी उड़ान हमेशा के लिए थम गई व्हाट्सऐप चैट में अपने कोच से उसने साफ कहा घर में बहुत पाबंदियां हैं,
अब और नहीं सह सकती उसने जिंदगी से भागने की बात नहीं की थी बस अपनी शर्तों पर जीने की ख्वाहिश जताई थी लेकिन जब सपनों की जगह पाबंदियां हों और अपनों के हाथों ही भरोसे का कत्ल हो जाए तो नतीजा वही होता है, जो राधिका के साथ हुआ
Tags
Trending