रूस के कुरिल द्वीप समूह में एक बार फिर तेज़ भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.5 मापी गई है। यह भूकंप बुधवार को आए विनाशकारी 8.8 तीव्रता वाले भूकंप के ठीक अगले दिन आया है, जिससे क्षेत्र में ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी का खतरा और अधिक बढ़ गया है।भूवैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था। हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान या ताजा सुनामी की खबर नहीं मिली है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में आफ्टरशॉक्स लगातार जारी रह सकते हैं।कुरिल द्वीप समूह ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है, जो पृथ्वी पर अत्यधिक भूगर्भीय सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। यहां प्रशांत प्लेट और अमेरिकी प्लेट के टकराव की वजह से अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं होती रहती हैं।बुधवार को रूस के कमचातका प्रायद्वीप क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जो पिछले 14 वर्षों में दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक था। यह झटका भारतीय समयानुसार सुबह 4:54 बजे महसूस किया गया। इसकी गहराई 20.7 किलोमीटर थी।
इस भूकंप के चलते रूस, जापान, अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, इक्वाडोर, चिली, कोस्टा रिका, फ्रेंच पोलिनेशिया और गुआम जैसे कई देशों के तटीय क्षेत्रों में सुनामी अलर्ट जारी किया गया। कुछ ही देर बाद रूस और जापान के कुछ समुद्री इलाकों में सुनामी लहरें देखी गईं, जो कई फीट ऊंची थीं। इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में ज्वालामुखी विस्फोट भी हुए। भूवैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह क्षेत्र अभी और झटकों की चपेट में रह सकता है, और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।