बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए रेल पटरियों के बीच सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है। यह अनूठी पहल रेलवे को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर ले जाने में अहम साबित होगी।पायलट प्रोजेक्ट के तहत बरेका की लाइन संख्या 19 पर 15 किलोवॉट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया गया है। इस योजना के तहत 70 मीटर लंबे ट्रैक पर 28 सोलर पैनल फिट किए गए हैं। यह संपूर्ण प्रणाली स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है।इन सोलर पैनलों को रबर पैड और एपॉक्सी एडहेसिव की मदद से कंक्रीट स्लीपर पर चिपकाया गया है, जिससे लोहे और कंक्रीट का मजबूत बंधन सुनिश्चित हो सके। प्रत्येक पैनल का आकार 2278×1133×30 मिमी और वजन लगभग 31.83 किलो है।
बरेका अधिकारियों का कहना है कि ये पैनल ट्रेन के संचालन में किसी भी तरह की बाधा नहीं डालेंगे। जरूरत पड़ने पर इन्हें कुछ ही मिनटों में स्टेनलेस स्टील एलन बोल्ट की मदद से हटाया भी जा सकता है।फिलहाल यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है, लेकिन आने वाले दिनों में बरेका के 5 किलोमीटर के दायरे में फैले रेल ट्रैक पर इन्हें लगाया जाएगा।इस परियोजना की कुल लागत लगभग साढ़े 9 लाख रुपये आई है। अधिकारियों के अनुसार, मात्र 4 वर्षों में ही यह लागत बिजली उत्पादन के जरिए वसूल हो जाएगी, जबकि लगाए गए सोलर पैनल 25 साल तक बिजली देंगे। बेरका के पीआरओ राजेश कुमार ने कहा “यह प्रयोग न सिर्फ रेलवे की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि कार्बन उत्सर्जन को भी काफी हद तक कम करेगा।”