गंगा के जलस्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली है। गुरुवार को गंगा का जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से घटा, जिससे घाटों और आसपास के इलाकों में जलभराव की स्थिति में सुधार आने लगा है।सामने घाट, अस्सी घाट और अन्य प्रमुख घाटों से पानी धीरे-धीरे पीछे हटने लगा है। सामने घाट मार्ग पर जलस्तर पूरी तरह से हट जाने के बाद तीन पहिया और चार पहिया वाहनों के आवागमन पर लगी रोक को हटा लिया गया है। वहीं, अस्सी घाट पर गंगा का पानी अब मोड़ तक सिमट गया है, जिससे दो पहिया वाहनों की आवाजाही संभव हो सकी है।हालांकि कुछ स्थानों जैसे ‘सुबह-ए-बनारस’ मंच के पास अब भी जलजमाव बना हुआ है, लेकिन नगर निगम की टीम सफाई कार्य में जुटी है। कीचड़ हटाने और सड़कों को साफ करने के साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है।
विशेष रूप से इस बार की बाढ़ में राहत की बात यह रही कि मारुति नगर और अन्य कॉलोनियों में जलस्तर बढ़ने के बावजूद गंगा का पानी घरों में प्रवेश नहीं कर सका। इससे इन इलाकों के लोगों को बड़ी राहत मिली है।जलस्तर में गिरावट से जहां एक ओर जनजीवन सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन भी साफ-सफाई और स्वच्छता के लिए मुस्तैद दिखाई दे रहा है।