लंका थाना क्षेत्र के रमना स्थित रायपुरिया घाट में गंगा के बढ़ते जलस्तर के चलते बाढ़ का पानी घाट के ऊपर तक आ गया है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थिति इतनी विकट हो चुकी है कि लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हैं।स्वामी रमेशानंद सरस्वती ने बताया कि,"सनातन धर्म और परंपरा के अनुसार जिस वर्ष कुंभ या महाकुंभ होता है, उस वर्ष वर्षा अच्छी होती है, मौसम सुहावना रहता है और बड़े स्तर पर बाढ़ आती है। यही स्थिति इस बार भी है।"उन्होंने बताया कि इस बाढ़ से लगभग 20,000 घर प्रभावित हो चुके हैं, और लोग अपने सामान के साथ दूसरे इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं।
स्वामी जी ने बताया कि बाढ़ ने पूरे क्षेत्र की फसलों को तबाह कर दिया है, जिससे गरीब किसानों को गहरा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। स्वामी रमेशानंद ने दुख जताते हुए बताया कि,"हमारे आश्रम में लगभग 700 लोग शरण लिए हुए हैं, लेकिन अब तक शासन-प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं और यदि समय रहते राहत नहीं पहुंचाई गई तो स्थिति और भयावह हो सकती है।"स्थानीय लोग शासन से तत्काल राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षित आश्रय की मांग कर रहे हैं।