काशी विश्वनाथ धाम में इस बार जन्माष्टमी का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के कुछ घंटे बाद लड्डू गोपाल को बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में ले जाकर मंगला आरती कराई जाएगी। इस दौरान विशेष परंपरा निभाते हुए बाबा विश्वनाथ चांदी की थाल में भरे जल से कान्हा का प्रतिबिंब निहारेंगे, ताकि शिशु स्वरूप में उन्हें सीधा विकराल रूप न देखना पड़े।16 अगस्त की रात 11 बजे से जन्मोत्सव का आरंभ होगा, जो मध्यरात्रि 12:05 बजे तक चलेगा। इसके बाद तड़के 3 बजे मंगला आरती में बाबा विश्वनाथ और लड्डू गोपाल एक साथ भक्तों को दर्शन देंगे। श्रद्धालुओं को पंचामृत स्नान का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
यह दूसरा अवसर होगा जब जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को काशी विश्वनाथ मंदिर में पालने पर विराजमान कराया जाएगा। लाखों भक्त प्रत्यक्ष और ऑनलाइन दोनों तरह से इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बनेंगे।जन्मोत्सव से पहले काशी धाम से मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए उपहार भी भेजे गए, जिनमें विशेष पोशाकें, लड्डू, फल और अन्य सामग्री शामिल है। परंपरा के अनुसार मथुरा और काशी एक-दूसरे को धार्मिक पर्वों पर उपहार भेजते हैं।पूरे मंदिर परिसर में "हर हर महादेव" और "जय श्रीकृष्ण" के जयघोष गूंजेंगे। बाबा विश्वनाथ और नटखट कान्हा के एक साथ दर्शन भक्तों के लिए अलौकिक और अविस्मरणीय अनुभव साबित होंगे।