अमावस्या की पूर्व संध्या पर वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में सप्तऋषि आरती से पहले एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला। श्वेत उलूक ने आकर कोडर में स्थान ग्रहण किया।श्रद्धालुओं और पुजारियों में संशय बना हुआ था कि आज इसके दर्शन होंगे या नहीं, क्योंकि बीते 21 अगस्त को इसका प्रकट होना बेहद संक्षिप्त रहा था।
यहां तक कि न्यास के दक्ष फोटोग्राफर भी उस पल को कैद नहीं कर सके।लेकिन आज जैसे ही मंत्र आराधना और आवाह्न की प्रक्रिया शुरू हुई, श्वेत उलूक के स्पष्ट दर्शन हुए। इस अनोखे दृश्य को श्रद्धालुओं ने दिव्य आशीर्वाद और शुभ संकेत माना।काशी विश्वनाथ मंदिर में हुई इस अद्भुत घटना ने सप्तऋषि आरती को और भी अलौकिक बना दिया।
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