वाराणसी के श्री वल्लभराम शालिग्राम साङ्गवेद विद्यालय में एक ऐतिहासिक वैदिक अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। अहिल्यानगर, महाराष्ट्र से आए पं. देवव्रत महेश रेखे द्वारा शुक्ल यजुर्वेद माध्यंदिन शाखा के दण्डक्रम पारायण का श्रीगणेश किया गया।यह पारायण काशी के प्रसिद्ध वैदिक आचार्य वेदमूर्ति श्रीकृष्ण शास्त्री गोडसे के जन्मशताब्दी वर्ष तथा श्रुतिस्मृति ज्ञानमंदिर वेद पाठशाला के द्वादशाब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है।
यह अनुष्ठान 12 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 30 नवंबर तक अनवरत चलेगा। विशेष बात यह है कि दण्डक्रम पारायण काशी में लगभग 100 वर्षों बाद संपन्न हो रहा है।पं. चंद्रशेखर द्रविड़ त्रिपाठी ने बताया कि दण्डक्रम पारायण वेद अध्ययन का अत्यंत कठिन और दुर्लभ भाग है। उन्होंने कहा, “वेदों में अनेक प्रकार की विद्याएं हैं, पर दण्डक्रम पाठ उनमें सबसे कठिन माना गया है। इसे करने वाले वेदपाठी को वर्षों की साधना और पूर्ण कंठस्थ ज्ञान की आवश्यकता होती है।”
