वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में स्थापित आरएसएस भवन को पुनः संचालित करने की मांग से जुड़े वाद पर सोमवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शमाली मित्तल की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने बीएचयू प्रशासन को 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर प्रदान किया है। अगली सुनवाई इसी तिथि को होगी।वादी प्रमील पांडेय की ओर से अधिवक्ताओं गिरीश चंद्र उपाध्याय और मुकेश मिश्रा ने अदालत को अवगत कराया कि अब तक बीएचयू के कुलपति न तो अदालत में उपस्थित हुए हैं और न ही वादी पक्ष को कोई प्रतिउत्तर प्रदान किया गया है। इस पर अदालत ने निर्देश दिया कि प्रतिवादी संख्या दो, यानी कुलपति, हलफनामा सहित अपना जवाब वादी को उपलब्ध कराएं।
मामले की पृष्ठभूमिवादीवाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में स्थापित आरएसएस भवन को पुनः संचालित करने की मांग से जुड़े वाद पर सोमवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) शमाली मित्तल की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने बीएचयू प्रशासन को 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर प्रदान किया है। अगली सुनवाई इसी तिथि को होगी।

