दशाश्वमेध घाट पर शहीदों और वीर सैनिकों को समर्पित होगा आयोजन, 500 किलो फूलों से सजेगा घाटवाराणसी। काशी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर इस बार की देव दीपावली देशभक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम बनने जा रही है। गंगोत्री सेवा समिति ने घोषणा की है कि यह देव दीपावली पहलगाम हमले में शहीद नागरिकों और भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीरों को समर्पित होगी।समिति के संस्थापक अध्यक्ष पं. किशोरी रमण दुबे बाबू महाराज और सचिव पं. दिनेश शंकर दुबे ने प्रेस वार्ता में बताया कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में जिस साहस से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया, वह हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। इसी शौर्य को नमन करने के लिए देव दीपावली का यह आयोजन समर्पित किया जा रहा है।35 वर्षों से परंपरागत रूप से आरती आयोजित करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति की ओर से इस वर्ष भी माँ गंगा की अष्टधातु निर्मित 108 किलो की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। घाट को 500 किलो देशी और विदेशी फूलों से सजाया जाएगा।
वैदिक विधि से 151 लीटर दूध से गंगा महारानी का अभिषेक किया जाएगा और गंगा निर्मलीकरण का संदेश दिया जाएगा।नारी शक्ति का सम्मान और सांस्कृतिक संध्यागंगा आरती में बेटियों का नेतृत्व नारी सम्मान का प्रतीक होगा। 21 बटुकों और 21 डमरुदलों की संगत में होने वाली यह महाआरती भक्तों को मंत्रमुग्ध करेगी। आयोजन की अध्यक्षता सुमेरू पीठ के शंकराचार्य पूजनीय स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी करेंगे।महाआरती के बाद लोकप्रिय गायक कन्हैया दुबे ‘केडी’ के संयोजन में सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी। पूरे कार्यक्रम का संचालन नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला करेंगे।सम्मानित अतिथियों की उपस्थितिइस भव्य आयोजन में वाराणसी के जनप्रतिनिधि, देश-विदेश से आमंत्रित अतिथि, प्रतिष्ठित बैंकों के अधिकारी और समाजसेवी परिवार सहित भाग लेंगे।प्रेस वार्ता में समिति के संरक्षक पं. कन्हैया त्रिपाठी, गंगेश्वरधर दुबे, शांतिलाल जैन, पवन शुक्ला, संकठा प्रसाद, रामबोध सिंह और संजय यादव सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।देव दीपावली के अवसर पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा केदार घाट पर पं. संदीप कुमार दुबे के संयोजन में माँ गंगा की भव्य आरती का आयोजन भी किया जाएगा।

