जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ के तुरंत बाद उन्होंने मंच पर मौजूद अपनी बहन और बड़े भाई के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर उनके परिवार के कई सदस्य उपस्थित रहे।शपथ ग्रहण के बाद CJI सूर्यकांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात की। वे अपने पूर्ववर्ती CJI बी.आर. गवई से भी गले मिले।
इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के साथ-साथ सात देशों ब्राजील, भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश और उनके प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहला अवसर था जब किसी CJI के शपथ ग्रहण समारोह में इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय न्यायिक प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ, जिससे यह आयोजन विशेष और ऐतिहासिक बन गया।समारोह के अंत में पूर्व CJI बी.आर. गवई ने एक नई परंपरा को जन्म देते हुए अपनी आधिकारिक गाड़ी राष्ट्रपति भवन में ही अपने उत्तराधिकारी जस्टिस सूर्यकांत के लिए छोड़ दी। इस gesture की पूरे समारोह में सराहना की गई।

