वाराणसी में एक अनोखा और ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला। रूस के राष्ट्रपति के सम्मान में मुस्लिम महिलाओं ने भव्य मैत्री यात्रा निकाली और गंगा किनारे आरती उतारकर भारत-रूस की मैत्री को नया रूप देने का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं, जिन्होंने हाथों में दोनों देशों के झंडे और शांति के संदेश वाले पोस्टर लेकर जुलूस निकाला।जुलूस अस्सी घाट से शुरू होकर कई प्रमुख मार्गों से गुज़रा। महिलाओं ने नारे लगाए—“भारत-रूस मैत्री ज़िंदाबाद” और “शांति का संदेश, दुनिया तक पहुंचाएं”।
महिलाओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक से दुनिया में शांति, सहयोग और विकास का एक नया इतिहास रचने की उम्मीद है। उनका कहना था कि जब दो मजबूत राष्ट्र दोस्ती के साथ खड़े हों, तो वैश्विक स्तर पर सकारात्मक बदलाव संभव होते हैं।कार्यक्रम में शहर के सामाजिक संगठनों और विभिन्न समुदायों के लोगों ने भी हिस्सा लिया। आयोजकों ने कहा कि वाराणसी हमेशा से सांस्कृतिक एकता और सद्भाव का प्रतीक रहा है, और इस कार्यक्रम ने दुनिया को भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का संदेश दिया है।

