शिवपुर क्षेत्र के चर्चित केबल संचालक पुष्कर शुक्ला हत्याकांड में 13 वर्ष बाद आखिरकार अदालत ने फैसला सुना दिया। विशेष न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो एक्ट) नितिन पांडेय की अदालत ने शनिवार को पांच दोषियों को आजीवन कारावास और 15-15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं साक्ष्य के अभाव में दो आरोपित धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ दीनू और राहुल श्रीवास्तव को दोषमुक्त कर दिया गया।
अदालत ने मुख्य गवाह और मृतक के भाई अभिषेक शुक्ला को बयान से पलट जाने पर पक्षद्रोही घोषित करते हुए उसके खिलाफ प्रकीर्णवाद दर्ज करने का आदेश भी दिया।
यह था मामला
अभियोजन के अनुसार, पुष्कर शुक्ला शिवपुर में साई राम विजन के नाम से सिटी केबल का संचालन करते थे। केबल नेटवर्क विस्तार को लेकर डेन काशी केबल के संचालकों और उनके सहयोगियों से विवाद चल रहा था।
16 दिसंबर 2012 को अभियुक्त बंटी सिंह उर्फ राज उर्फ संजय, पिंटू उर्फ दिलीप सिंह, विक्रम प्रताप सिंह उर्फ गोलू, भानू केसरी उर्फ गोलू एवं तेज नारायण सिंह उर्फ सल्टू केबल के तार काट रहे थे। सूचना पर पहुंचे पुष्कर शुक्ला और उनके भाई अभिषेक ने इसका विरोध किया, जिस पर आरोपियों ने लाठी-डंडे, बैट और क्रिकेट स्टम्प से हमला कर दिया।हमले में पुष्कर शुक्ला की मौत हो गई, जबकि अभिषेक शुक्ला समेत तीन लोग घायल हुए।
गिरफ्तारी और सुनवाई
घटना के बाद अभिषेक शुक्ला की तहरीर पर सात लोगों के खिलाफ शिवपुर थाने में FIR दर्ज हुई।पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त लाठी-डंडे बरामद किए।अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों की गवाही कराई गई। सुनवाई के दौरान अहम गवाह अभिषेक शुक्ला ने अदालत में कहा कि धर्मेंद्र कुमार सिंह और राहुल श्रीवास्तव को उसने लोगों के कहने पर तहरीर में लिखा था, जिसके बाद अदालत ने दोनों को बरी कर दिया।
किन्हें हुई उम्रकैद
निम्न पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली—
1. बंटी सिंह उर्फ राज उर्फ संजय
2. पिंटू उर्फ दिलीप सिंह
3. विक्रम प्रताप सिंह उर्फ गोलू
4. भानू केसरी उर्फ गोलू
5. तेज नारायण सिंह उर्फ सल्टू
अभियोजन की ओर से पैरवी
मामले में प्रभारी डीजीसी मुनीब सिंह चौहान, विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह और वादी पक्ष के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने पैरवी की।13 साल पुराने इस चर्चित हत्याकांड में आए फैसले से पीड़ित पक्ष को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद न्याय मिला है।
