कोतवाली पुलिस ने वाराणसी में कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थाना कोतवाली और एसओजी की संयुक्त टीम ने कार्रवाई में उन दोनों को पकड़ा, जिन पर NDPS एक्ट और BNS की गंभीर धाराएँ लगी हुई थीं। 7 दिसंबर की रात थाने में हुई पूछताछ के बाद दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की गई। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए फर्जी रेंट एग्रीमेंट, नकली अनुभव प्रमाण पत्र और अन्य कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर ड्रग लाइसेंस प्राप्त किए थे। इन लाइसेंसों का इस्तेमाल कर वे विभिन्न फार्मा कंपनियों के माध्यम से प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की भारी मात्रा में खरीद–फरोख्त करते थे। पुलिस के अनुसार, विशाल जायसवाल की फर्म हरी ओम फार्मा ने 4,18,000 शीशियाँ और बादल आर्य की फर्म काल भैरव ट्रेडर्स ने 1,23,000 शीशियाँ शैली ट्रेडर्स, रांची से लेकर करोड़ों रुपये में बेचीं। लेनदेन को छिपाने के लिए आरोपियों ने फर्जी ई-वे बिल भी तैयार किए, जिनकी पुष्टि वाहनों के असली मालिकों के बयान से हुई है।
पूछताछ में यह भी पता चला कि डीएसए फार्मा, हरी फार्मा एंड सर्जिकल एजेंसी और शैली ट्रेडर्स के माध्यम से मुख्य खिलाड़ी एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। शुभम जायसवाल और अमित जायसवाल द्वारा लालच दिए जाने पर आरोपी फर्जी दस्तावेजों के सहारे इस अवैध व्यापार में शामिल हुए और हर माह 30–40 हजार रुपये का कमीशन प्राप्त करते थे। पूरे नेटवर्क की आर्थिक गतिविधियों पर दिवेश जायसवाल का नियंत्रण था, जो बैंक खातों के ओटीपी लेकर तुरंत भुगतान शैली ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर करवाता था। एक वर्ष में करीब 7 करोड़ रुपये का अवैध व्यापार किया गया, जबकि खरीदा गया माल फर्मों तक पहुंचता ही नहीं था। आरोपियों के खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई जारी है और पुलिस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में है। इस कार्रवाई में भौतिक बरामदगी नहीं हुई, लेकिन पुलिस के पास डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद हैं।

