आगरा के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दलित वर्ग के दो छात्रों के साथ भेदभाव का गंभीर आरोप सामने आया है। छात्र का कहना है कि उसने मेरिट के आधार पर एडमिशन क्वालिफाई कर लिया था, लेकिन जाति के कारण उसे प्रवेश नहीं दिया गया। और हैरानी की बात यह है कि उसके छोटे भाई का एडमिशन भी बिना किसी स्पष्ट कारण कैंसिल कर दिया गया।मैं दलित हूं, इसलिए मेरिट के बाद भी मेरा एडमिशन नहीं किया गया। कॉलेज SC छात्रों को पढ़ने नहीं देना चाहता।”इस बयान ने पूरे मामले को और ज्यादा गंभीर बना दिया है।परिवार का आरोप है कि उन्होंने कॉलेज प्रशासन से बार–बार बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
उनके अनुसार, सारे जरूरी दस्तावेज जमा होने के बावजूद पहले टाल-मटोल की गई, और फिर सीधे प्रवेश से इनकार कर दिया गया।छात्र ने बताया कि वह मेहनत कर के मेरिट लिस्ट में जगह बनाने में सफल हुआ था, लेकिन जाति के कारण उसके सपनों पर पानी फेर दिया गया।परिवार का कहना है कि यह सिर्फ शिक्षा से वंचित करने की बात नहीं है, बल्कि उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला मामला है।परिवार इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग कर रहा है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने भी मामले को उठाना शुरू कर दिया है, और कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती तो यह मामला बड़े स्तर पर विरोध का रूप ले सकता है।
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