नवरात्रि के दौरान मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि का आज छठा दिन है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है।मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत भव्य और चमकीला है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी रखा गया।मां कात्यायनी की पूजा से विवाह संबंधी मामलों के लिए अचूक मानी गई माँ का स्वरूप भव्य है। मां की चार भुजाएं हैं और मां का वाहन सिंह है। माता कात्यायनी जिससे प्रसन्न होती है, उनको धन, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दौरान भोर से ही भक्तों के मंदिर पहुंचने का क्रम प्रारंभ हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां को फल फूल मिष्ठान अर्पित किया और सुख समृद्धि की कामना की।
इसी कड़ी में देवी के गौरी स्वरूप की उपासना के क्रम में छठे दिन मां ललिता गौरी के दर्शन पूजन का विधान है। काशी में मां का मंदिर ललिता घाट पर स्थित है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मां का दर्शन पूजन किया। ऐसी मान्यता है की माता के इस अद्भुत रूप के दर्शन मात्र से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। ललिता गौरी, ललिता तीर्थ क्षेत्र की रक्षा करती हैं ।श्रद्धालुओं के विध्न को हरती हैं। मान्यता है कि ललिता गौरी के आराधना से व्यक्ति को ललित कलाओं में विशेष उपलब्धि प्राप्त होती है।