संकट मोचन संगीत समारोह की दूसरी निशा के प्रथमार्द्ध में चार यादगार प्रस्तुतियां हुईं। इनमें से तीन कलाकारों की पहली हाजिरी थी। पहली बार दरबार में हाजिरी लगाने वालों में चेन्नई की नृत्यांगना श्रीशा शशांक, रामपुर घराना के अरमान खान और गजल गायक तलत अजीज शामिल रहे। ड्रमर शिवमणि ने अपने जोड़ीदार मेंडोलिन वादक यू. राजेश के साथ मिल कर तालों का मायाजाल बिछाया। गुजरात,बंगाल, केरल, यूपी और पंजाब के खास रिदम का जादू श्रोताओं को खूब पसंद आया। ड्रम, जम्बे, घंटी रसोईं घर की थाली, चिमटा के साथ ही कुछ नए यंत्र भी उनके ड्रम सेट में दिखे। शिवमणि ने शंखनाद से शुरुआत की। सात से बारह मात्राओं में लयकारी का चमत्कार दरबार में दिखा।
हनुमत दरबार में संगीत समारोह का क्रम भरतनाट्यम से आगे बढ़ा। चेन्नई की श्रीशा चेन्नई ने शिव, अम्बा और हनुमान और श्रीकृष्ण भक्ति पर आधारित रचनाओं का मर्म नृत्य की भंगिमाओं में अभिव्यक्त किया। शिवाष्टकम् ,राजराजेश्वरी स्तोत्रम् हनुमान चालीसा राग मालिका में संयोजित किए गए। तमिल के पारंपरिक नृत्य संयोजन से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया।रामपुर घराने के अरमान खान तीसरी प्रस्तुति लेकर मंचासीन हुए। पहली बार गायन का मौका सौवें संस्करण पाने वाले अकरम ने राग बागेश्री की अवतारणा की। सारंगी पर युवा विनायक सहाय,संवादिनी पर विनय मिश्र, तबले पर मुंबई के यशवंत वैष्णव ने उनके गायन के विविध पक्षों को और भी प्रभावी बना दिया।