प्रयागराज में शनिवार रात सनसनीखेज घटनाक्रम में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना रात करीब 10:37 पर हुई दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था। तभी मीडिया कर्मी बनकर आए तीन युवकों ने अतीक और अशरफ के सिर पर गोली मार दी। पुलिस ने हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के चंद मिनट बाद ही एक वीडियो भी सामने आया इसमें दिख रहा है कि अतीक और अशरफ पुलिस वालों के साथ जा रहे हैं और मीडिया कर्मी उनसे लगातार सवाल कर रहे हैं। कुछ मिनट तक दोनों ने कोई जवाब नहीं दिया। मीडिया कर्मी द्वारा बेटे के जनाजे में शामिल ना हो पाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देने के लिए अतीक थोड़ा रुका और बोला नहीं ले गए तो नहीं गए।
इसके तुरंत बाद अशरफ बोला जहां तक गुड्डू मुस्लिम का...तभी हमलावरों ने अतीक के सिर में पिस्तौल सटाकर गोलियां मार दी। इसके बाद अशरफ को भी गोली मार दी इसके तुरंत बाद कई राउंड फायर किए गए अतीक और अशरफ वहीं ढेर हो गए। गोलीबारी की आवाज सुनकर भगदड़ जैसा माहौल हो गया जिस वक्त हमला हुआ वहां पुलिस भी मौजूद थी मगर पुलिस के कुछ कार्रवाई करने से पहले ही हमलावरों ने घटना को अंजाम दे दिया हमलावरों ने पिस्तौल से गोलियां दागी और उसके तुरंत बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया उनके नाम सनी लवलेश अरुण मौर्य बताए जा रहे हैं तीनों मीडिया कर्मी बनकर आए थे।
वही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हत्याकांड के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित करने का निर्देश दिया है पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट करते हुए सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। वही घटनाक्रम को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने बयान दिया है। पुलिस के घेरे में हुए इस हत्याकांड को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए है।इस घटना को लेकर बीजेपी और विपक्षी पार्टियों में सोशल मीडिया पर तकरार देखने को मिल रही है। विपक्ष के नेता इस हत्याकांड को कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान बता रहे हैं। ऐसा ही कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने प्रयागराज की घटना पर सवाल खड़ा किया है।
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि निश्चित तौर पर जो घटना हुई है वह उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है। पुलिस सुरक्षा के बीच में किसी को मार दिया जाता है तो यह सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। हत्यारों के द्वारा धार्मिक नारे लगाए जाने पर अजय राय ने कहा कि सरकार को इस पूरे प्रकरण में कानून व्यवस्था में लगे अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई करना चाहिए। इस घटना से साफ है कि शासन और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति हो वह सुरक्षित नहीं है।