राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत गंगा नदी में मछलियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए केन्द्रीय अन्तस्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सिफरी) द्वारा आयोजित जन जागरूकता सह रैचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत वाराणसी के रविदास घाट पर 2 लाख 15 हजार मछलियों के बच्चे छोड़ें गये । इस कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी हिस्सा लिया।डॉ वी के राय ने बताया कि हम हर साल गंगा में रैंचिंग करते हैं। इस बार रैंचिंग मिशन टू है । जिसमें 25 लाख वेस्ट बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक 12 स्टेशन में रैंचिंग कर रहे हैं। हर स्टेशन पर 2 लाख 10 हजार के करीब मछलियों को छोड़ा जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में वाराणसी में 2 लाख मछलियां छोड़ी गई थी ।
इस बार 2 लाख 15 हजार मछलियां छोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि मछली छोड़ने का उद्देश है कि मछलियों का अनुवांशिक विकास हो और मछुआरों को फायदा हो। मत्स्य विज्ञान के उप महानिदेशक ने कहा कि मछलियां गंगा नदी की स्वच्छता को बनाए रखने में मदद करेंगी। इस कार्यक्रम में स्थानीय मछुआरों को गंगा नदी में पाई जाने वाली मछलियों के स्वास्थ्य व संरक्षण के बारे में जागरूक किया गया है। नदी प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ रहेगी तो उसका एक बड़ा लाभ स्थानीय मछुआरों को मिलता है।