संकट मोचन मंदिर के प्रांगण में आधी रात बॉलीवुड के प्रख्यात सिंगर सोनू निगम का तराना गूंजा। संगीत समारोह के फिनाले पर उन्होंने इंडियन आर्मी को समर्पित करते हुए अपना सबसे लोकप्रिय गाना 'संदेशे आते हैं, गाना गाकर हनुमत भक्तों को रुला दिया। इस दौरान उन्होंने ऑडियंस को शहीदों की कुबार्नियां याद दिलाई।साथ ही कहा कि हम बजरंगबली से प्रार्थना करते हैं कि जो भी सैनिक बॉर्डर पर तैनात है, वो एक दिन अपने घर वापस आए और परिवार के साथ समय बिताए। इसके बाद कई लोकप्रिय गाने गाकर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। सोनू निगम ने इससे पहले मंच पर आते ही पंडित भीमसेन जोशी और लता मंगेशकर की शास्त्रीय संगत भी दर्शकों को सुनाकर भक्ति भाव से भर दिया।
सोनू निगम ने संकट मोचन मंदिर के मंच पर चढ़कर कहा कि वे यहां के लायक कलाकार नहीं है। यहां पर बड़े-बड़े रियाजी कलाकार और उस्तादों को गाने का मौका मिलता है, यह बड़ी बात है। सोनू निगम बोले कि उन्होंने कभी शास्त्रीय गायन नहीं सीखा। यहां पर उसी कला में बड़े माहिर लोग आते हैं। सोनू निगम ने बाबा के मंच से कहा कि ये बनारस है। यहां पर बड़ी गंभीर ऑडियंस आती है। इनके सामने गाने में डर सा लगता है। ये कहीं बीच में रोककर ही बताने लगेंगे। इसलिए बहुत सावधानी से गाऊंगा।वही अविस्मरणीय आयोजन की सातवीं और विराम निशा का प्रख्यात ध्रुपद एवं ख्याल गायक पद्मश्री डॉ राजेश्वर आचार्य प्रभावरंग ने 12 स्वरों वाली भैरवी से श्रृंगार किया। उनकी गायकी से समारोह के पुरनिया श्रोताओं की यादों में पंडित ओमकारनाथ ठाकुर और उनके शिष्य पंडित बलवंत राय भट्ट भावरंग सजीव हो उठे। वही पंडित केलुचरण महापात्रा के शिष्य वृंद ने पंडित रतिकांत महापात्रा के नेतृत्व में हनुमत दरबार में ओडिसी नृत्य के पुष्प भी चढ़ाएं।