गुरुवार को देवशयनी एकादशी के पुनीत पावन अवसर पर नमामि गंगे वाराणसी महानगर के तत्वावधान में आदिकेशव घाट स्थित भगवान श्री आदिकेशव का गंगाजल से अभिषेक किया गया।संस्था के सदस्यों ने गर्भ गृह में स्थित अति प्राचीन भगवान श्री आदिकेशव जी को पुष्पाहार, भोग प्रसाद समर्पित कर धूप, दीप व कपूर से विधिवत आरती उतारी।गंगाजल से श्री हरि के चरण पखारकर माँ गंगा के निर्मलीकरण की कामना की गयीं।श्रीमन्नारायण नारायण हरि हरि..भजमन्नारायण नारायण हरि हरि के स्वर से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो उठा।
नमामि गंगे महानगर सहसंयोजक शिवम अग्रहरि ने बताया कि आज से पवित्र चतुर्मास प्रारंभ हो गया।भगवान शिव के हाथों में सृष्टि का संचालन सौंपकर भगवान श्री हरि चार माह तक क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं।कहा कि मत्स्य पुराण में वर्णित काशी खण्ड के कथानुसार देवाधिदेव महादेव के आदेश पर भगवान श्री हरि ने प्रथम बार काशी आगमन पर गंगा और वरुणा नदी के संगम तट पर स्थित इसी स्थान पर अपने चरण रखें थें।तभी से भक्तों के कल्याणार्थ यहां वो स्वयं विराजमान हैं।आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे सहसंयोजक शिवम अग्रहरि, महानगर सहसंयोजक रामप्रकाश जायसवाल, केवल कुशवाहा, रश्मि साहू, जय विश्वकर्मा, रतन साहू, पूजारी विनय त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति रही।