अंजुमन हैदरी के तत्वावधान में मोहर्रम की 11वीं तारीख को हकीम मो. काजिम साहब के दौलतखाने से लूटे हुए काफिले की याद मे निकालने वाला चुप के डंके का जुलूस अपनी कदिमि रवायत के अनुसार निकला। ये जुलूस अपने कदीमि रास्ते नई सड़क, काली महल, पितरकुंडा होते हुए फतमान पहुँचा।
फतमान पहुँचने से पूर्व रास्ते मे सवारी पढ़ते हुए जुलूस में कर्बला के 72 साथियों को याद किया गया। इस दौरान लोगो ने कलाम पेश किये। जिसमे डॉ. मुर्तजा जाफ़री, फरमान हैदर, अब्बास मुर्तजा शम्सी, शकील अहमद इत्यादि लोग शामिल रहे।
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