मणिपुर में जानी हिंसा और महिलाओं की साथ की गई शर्मनाक क्रूरता ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के अध्यापको को उद्वेलित कर दिया और उन्होंने आज बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर एक अपील जारी की है। विभिन्न विभागों के शिक्षकों ने परिसर में एक कैंडिल विजिल का आयोजन किया। हाथों में तख्तियां लिए अध्यापक माग कर रहे थे, कि मणिपुर में हिंसा पर तत्काल रोक लगाई जाए, महिलाओं के साथ दरिंदगी करने वालों को दंडित किया जाये, मणिपुर में शांति बहाली के प्रयास तेज किये जाये।
कार्यक्रम के दौरान एक अपील भी जारी की गई जिससे यह संदेश जा सके कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अध्यापक इस संकट की घड़ी में मणिपुर की जनता के साथ खड़े है और कानून के राज के लिए मानवाधिकारी की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। अध्यापकों ने कहा कि हम काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के अध्यापक, मणिपुर में, विशेषकर महिलाओं पर हुई हिंसा की निंदा करते हैं। एक लोकतांत्रिक समाज में यह अस्वीकार्य है। हम मांग करते हैं कि इस हिंसा को अंजाम देने वालों पर न्यायोचित कार्रवाही की जाये। सभी नागरिकों के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। हम उन सभी लोगों के साथ खड़े है जिन्होंने अपनी जान और सम्पति गवाई है। मणिपुर में शांति बहाली के हर प्रयास के प्रति हम अपनी एकजुटता एवं अपना सहयोग प्रस्तुत करते हैं। अध्यापको के समर्थन में विश्वविद्यालय के कई छात्र भी मौजूद थे। इस दौरान प्रोफेसर अवधेश प्रधान, प्रोफेसर बलिराज, डॉ प्रियंका झा, चौथी राम यादव सहित दर्जनों की संख्या में अध्यापक गण उपस्थित रहे।