शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद ने काशी को मांस मदिरा मुक्त किए जाने की मांग की

काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी को मांस मदिरा से मुक्त करने की मांग की। डुमराव बाग कॉलोनी, आसि स्थित काशी सुमेरुपीठ आश्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या, मथुरा की तरह काशी को भी मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिक मास में काशी की पंचक्रोशी यात्रा श्रद्धालु कर रहे लेकिन बहुत ही दुख की बात है कि पंचक्रोशी मार्ग में मांस मदिरा की दुकानें खुली हुई है और वहां पर धड़ल्ले से मांस मदिरा बिक रहा है। उन्होंने कहा कि पंचक्रोशी यात्रा में मार्ग में मांस मदिरा की बिक्री बंद होनी चाहिए । साथ ही उन्होंने कहा कि यहां के अधिकारियों ने पंचक्रोशी यात्रा की परंपरा तोड़कर बहुत ही बड़ा पाप किया है। 

पंचक्रोशी यात्रा मणिकर्णिका घाट पर संकल्प लेकर नाव द्वारा यात्री आसि घाट आते हैं वहीं से पंचक्रोशी यात्रा पैदल शुरू होती है लेकिन यहां के अधिकारियों ने नाव पर प्रतिबंध लगाकर पंचक्रोशी यात्रा की परंपरा को तोड़ा है जो ठीक नही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चाहिए था कि वह अगर गंगा में बाढ़ आया था तो यात्रियों को नाव से सुरक्षित मणिकर्णिका से आसि घाट जाने की व्यवस्था कराते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और काशी की पंचक्रोशी यात्रा की परंपरा को तोड़ा। स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने जिला प्रशासन से कहा कि वह काशी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने के लिए नगर निगम के माध्यम से एक प्रस्ताव लाए। एक प्रस्ताव 20 वर्ष पूर्व भी नगर निगम में लाया गया था लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया उस प्रस्ताव को पुनः नगर निगम में पास करा करके काशी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करें।

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