बीएचयू वैदिक विज्ञान केंद्र सभागार में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित वैदिक विज्ञान केंद्र के सभागार में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय श्रीशैव श्रीस्वामिनारायण मूल सिद्धांत विमर्श रहा। कार्यक्रम का आयोजन श्री वृत्तालय स्वामीनारायण मंदिर गुजरात एवं धर्मागम विभाग संस्कृत तद्या धर्म विज्ञान संकाय बीएचयू के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण के साथ हुआ। वैदिक मंगलाचरण को प्रोफेसर पतंजलि मिश्र आधुनिक मंगलाचरण को डॉक्टर सिद्धिदात्री भारद्वाज एवं पौराणिक मंगलाचरण को देवहूति मित्र ने प्रस्तुत किया। तदोपरांत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और पंडित महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी । संगीत एवं मंच कला संकाय की छात्राओं द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति किया गया। इस दौरान हरि भक्तों द्वारा स्वामीनारायण भगवान की स्तुति प्रस्तुत किया गया। 


छात्राओं द्वारा मंचासीन अतिथियों का सम्मान पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्रम प्रदान करके किया गया। स्वागत वक्तव्य प्रोफेसर उपेंद्र कुमार त्रिपाठी समन्वयक वैदिक विज्ञान केंद्र द्वारा दिया गया। विषय प्रवर्तन प्रोफेसर कमलेश झा शंकर द्वारा किया गया। इसके बाद विशिष्ट अतिथियों ने अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया जिसमें प्रोफेसर जयशंकर लाल त्रिपाठी पूर्व अध्यक्ष संस्कृत विभाग और प्रोफेसर अभिराज राजेंद्र मिश्रा पूर्व कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे पद्म भूषण वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि साध्य भूत शास्त्र वेदांत है सर्वजीव के कल्याण के लिए श्री स्वामी का अवतरण हुआ था। श्री स्वामीनारायण संप्रदाय धर्म का संपूर्ण पालन करता है भगवान को प्रत्यक्ष सामान कर गुरु मानकर चलने वाला संप्रदाय श्री स्वामी नारायण संप्रदाय है।

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