वाराणसी के सीर गोवर्धन स्थित संत रविदास मंदिर के मुख्य द्वार और दरवाजे को स्वर्ण मंडित कर दिया गया हैं। जिससे मंदिर की दिव्यता और बढ़ गई हैं। सीर गोवर्धन में संत रविदास का मंदिर रैदासियों की आस्था का केंद्र है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद काशी का दूसरा स्वर्ण मंदिर बन गया।
मंदिर में मौजूदा समय में दान में 130 किलो की सोने की पालकी, 3.5 किलो सोने का दीपक, 35 किलो सोने की छतरी और 32 स्वर्ण कलश हैं और अब मुख्य द्वार और लगे दरवाजे को भी स्वर्ण मंडित हो गया हैं। मंदिर के मैनेजर रणवीर सिंह ने बताया कि मुख्य द्वार की चौखट और दरवाजा भी स्वर्ण मंडित हो गया हैं। संत निरंजन दास जी महाराज के द्वारा यह लगावा गया हैं। इसको लगने में कुल ढाई माह का समय लगा। वाराणसी में इसे आंध्रा के कलाकारों द्वारा तैयार किया गया हैं। फिलहाल अभी सोने के वजन के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई हैं।
इसके आलावा उन्होंने बताया कि रविदास मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं के सुविधा के लिए कुल 60 कमरे बन रहे हैं। जिसमें श्रद्धालुओं को विशेष सुविधा दी जायेगी। आगामी रविदास जयंती तक 30 कमरे तैयार हो जायेंगे। सीर गोवर्धन में संत रविदास का मंदिर रैदासियों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर के शिखर का कलश और मंदिर में मौजूद संत रविदास की पालकी से लेकर छत्र तक सब कुछ सोने का है। पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा विदेशों से भी आने वाले श्रद्धालुओं के दान से संत के मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया गया हैं।