आजम खान के बेटे के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी थोड़ी राहत, कहा-फेयर ट्रायल अभियुक्त का है मूल अधिकार

समाजवादी पार्टी के महासचिव पूर्व मंत्री आजम खान उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने थोड़ी राहत दी। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट से यह मामला जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने अभियोजन के गवाह को बुलाने की अर्जी तय करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि अभियुक्त का फेयर ट्रायल मूल अधिकार है। इससे इंकार करना अभियुक्त व पीड़ित दोनों के साथ अन्याय है। कोर्ट ने कहा कि विशेष अदालत मेरिट पर याची की अर्जी तय करे।आजम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया। 

सपा नेता आजम खान और अब्दुल्ला आजम की ओर से कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है इस याचिका में स्पेशल कोर्ट एमपी / एमएलए रामपुर में अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्मतिथि को लेकर चल रहे मुकदमे में बचाव पक्ष को उचित अवसर नहीं दिए जाने का आरोप लगाया गया है।इसमें कहा गया कि स्पेशल कोर्ट में चल रहे ट्रायल में बचाव पक्ष को पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा, जिसकी वजह से इस मुकदमें का निष्पक्ष तरीके से ट्रायल नहीं हो पा रहा। याची की ओर से ट्रायल कोर्ट के सामने कई बार प्रार्थना पत्र दिए गए हैं, लेकिन वो सभी खारिज कर दिए गये, बचाव पक्ष को कानून के मुताबिक अपना पक्ष रखने को अवसर नहीं दिया जा रहा। सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट कानून के मुताबिक काम कर रहा है। मजिस्ट्रेट को अधिकार है कि जिस दस्तावेज को ट्रायल के लिए सही समझे उसे रखने की इजाजत दे या नहीं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये फैसला दिया कि बचाव पक्ष को साक्ष्य रखने का अधिकार है उसे ये मौका दिया जाना चाहिए।

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