गणेश पूजन व विश्वकर्मा पूजन पर्व नजदीक आते ही मूर्तिकार मूर्तियों को आकर्षक रूप देने में जुट गये है। दिन रात एक कर इस पर्व पर मूर्ति तैयार कर रहे है ताकि पंडालों की शोभा बने। मूर्तिकार चितरंजन पाल ने बताया कि मिटेरियल के दाम काफी महंगे हो जाने के कारण खर्च निकालना मुश्किल हो गया है।
पहले की तरह अब बिक्री भी नही हो रही है। कारण यह है कि गंगा में मूर्ति विसर्जित न होना तालाबो में मूर्ती विसर्जन करने से लोग कतराते है। इस कारण नाम मात्र के लोग ही दिलचस्पी ले रहे है जिसके कारण इस रोजगार पर ग्रहण लग गया है।
फिर भी धार्मिक पर्व है मनाना तो है ही इस लिए मूर्तियों को बनाने में काफी समय लगता है जोर शोर से काम चल रहा है कारीगर आकर्षक रूप देने में लगे है।