देवी कुष्मांडा के संगीत समारोह की तीसरी निशा में हुई विविध प्रस्तुतियां

देवी कूष्मांडा के छह निशाव्यापी संगीत समारोह की गुरुवार को तीसरी निशा थी। इसमें पद्मश्री मालिनी अवस्थी स्वर में पिरोए भक्तिगीत आदिशक्ति के चरणों तक पहुंचे। इस निशा में सुजाता महापात्रा ने ओडिसी, पं माता प्रसाद मिश्र एवं पं रुद्रशंकर मिश्र ने कथक, पं नरेंद्र झा ने गायन और पं. पूरन महाराज ने अपनी पुत्री अवंतिका के साथ युगल तबला वादन किया। कन्हैया दुबे के संयोजन में संगीत सरिता का प्रवाह भुवनेश्वर की सुजाता महापात्रा के ओडिसी नृत्य से आरंभ हुआ। 


उन्होंने मंगलाचरण से आरंभ करके दुर्गा स्तुति की प्रस्तुति से प्रस्तुति को विस्तार दिया। नृत्य का संयोजन पद्मभूषण पं केलुचरण महापात्र द्वारा किया गया था। संगीत पं. भुनेश्वर मिश्रा का था। इसके बाद काशी की युवा कलाकार जयंतिका डे ने राग कौशिक कान्हड़ा में बंदिश गायन किया। तबला पर सिद्धांत चक्रवर्ती और हारमोनियम पर हर्षित ने संगत की। संगीतार्चन का यह क्रम पं. माता प्रसाद मिश्र एवं रुद्रशंकर मिश्र के कथक से बढ़ा। 


वही बनारस घराने के तबला वादक पं पूरण महाराज और उनकी पुत्री अवंतिका के वादन ने सभी को आनंदित किया। सारंगी पर ध्रुव सहाय ने सहयोग किया। इसके बाद प्रवीण उद्धव ने अकाल तबला वादन किया इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे भक्तों ने माता का दर्शन पूजन किया और प्रस्तुतियां देख भाव विभोर हुए।

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