कुश्ती-दंगल पुरानी परम्परा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। विलुप्त हो रही इस कला को जीवित करने की जरूरत है। इससे गांव, देहात के प्रतिभाओं को देश प्रदेश स्तर पर अपनी प्रतिभा विखेरने का अवसर मिलता है।ये बातें पिंडरा विधानसभा के ग्राम कुरु में स्वर्गीय पंडित दूधनाथ तिवारी के स्मृति में आयोजित विराट दंगल का उद्घाटन करने व पहलवानों का हाथ मिलाने के पश्चात बतौर मुख्य अतिथि केटीवी न्यूज़ के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार सिंह ( डब्लू) ने कही। उन्होंने कहा कि गांव, नगर में छिपी प्रतिभाओं को उचित मंच मिल जाए तो वह देश प्रदेश स्तर पर अपनी प्रतिभा विखेरने में पीछे नहीं रहेंगे।
वहीं आयोजकों की ओर से मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर तथा उन्हें पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत अभिनंदन किया गया। कुश्ती प्रतियोगिता के आयोजक प्रशांत तिवारी ने कहा कि कुश्ती एक कला है। इससे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व आर्थिक विकास होता है और क्षेत्र के नवयुवक पहलवानों के सीखने के लिए एक पुरस्कार भी है ।
साथ ही साथ भारतीय संस्कृति की विलुप्त हो रही इस परम्परा को पुनः स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण भी। यह विराट दंगल प्रतियोगिता है। समाजसेवी दरोगा तिवारी ने कहा कि कुश्ती लड़ना एक कला है। पहलवान बनना आसान है लेकिन कुश्ती दंगल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना यह अपने आप एक साहस और आत्मविश्वास ही है।