ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म को देश में घूम रहे स्वयंभू शंकराचार्यों से उतना खतरा नहीं है जितना की नकली भगवाधारियों से है। यह भगवाधारी बनकर अपने आपको देवताओं से भी श्रेष्ठ मानते हैं। इससे हम सभी को सतर्क रहना है। और ऐसा आचरण करने वालों का बहिष्कार भी करना होगा।
वह संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पाणिनी सभागार में आयोजित अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। शंकराचार्य ने कहा कि आज मैं जो भी हूं जहां भी हूं यह मेरी नियति है। इस विश्वविद्यालय की ऊर्जा भूमि से मिली सकारात्मक ऊर्जा का नतीजा है कि मैं आज समाज और देशहित में कार्य कर रहा हूं। अध्यक्षता करते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने कहा कि हिंदू समाज के त्योहारों की तिथियों पर विवाद को जल्द ही दूर किया जाएगा। इसके लिए एक देश एक पंचांग के निर्माण की दिशा में काशी के विद्वानों के सहयोग से कार्य किया जाएगा। नवंबर में विद्वानों की सभा के जरिये सभी को एकमत करके पंचांग में तिथियों के विवाद के निराकरण का सरल मार्ग तैयार किया जाएगा।इस दौरान अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा परिषद के निदेशक प्रो. प्रेम नारायण सिंह का स्वागत हुआ। इस दौरान विजय शंकर पांडेय, सत्यनारायण पांडेय मौजूद रहे। संचालन साकेत शुक्ला और धन्यवाद प्रदीप पांडेय ने दिया।