काशी में आदि शक्ति माँ दुर्गा के पूजनोत्सव को लेकर जोरो-शोरो से चल रही तैयारियां, मां की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर

 काशी में आदि शक्ति माँ दुर्गा के पूजनोत्सव को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं । दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित होने वाली मां आदिशक्ति की प्रतिमाओं के निर्माण में भी कारीगर जोरों शोरों से जुटे हुए  है।  मूर्तिकार अब इन्हे अंतिम रूप देने में जुटे है। मां दुर्गा की प्रतिमा को वाराणसी के बंगाली टोला में कारीगर बड़े ही सलीके से गढ़ रहे हैं। काशी की सार्वजिनक दुर्गा पूजा के सौ साल के इतिहास में इस बार पहला ऐसा अवसर होगा जब मां दुर्गा की प्रतिमा में भगवान श्रीकृष्ण के भी दर्शन होंगे। त्रिभंगी मुद्रा वाली इस प्रतिमा का निर्माण तीसरी पीढ़ी के प्रतिमा शिल्पी उदय प्रताप पाल ने किया है। 

कोलकाता के प्रख्यात शिल्पकार सनातन डिंडा की कृति से प्रेरित यह प्रतिमा कतुआपुरा के बाबा रीठीवीर कलब के पूजा पंडाल में प्रतिष्ठित होगी। ज्यादातर मूर्ति बनाने के लिए समितियों ने मूर्तिकार बंगाल से ही बुलवाए हैं। काशी की प्रसिद्ध दुर्गा पूजा में से एक मच्छोदरी का मां दुर्गा पूजनोत्सव भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैैं। हर बार की तरह इस बार भी यहां पर दुर्गा पूजा के लिए खास तैयारी चल रही है। मछोदरनाथ दुर्गोत्सव समिति द्वारा आयोजित दुर्गा पूजा में इस बार 11 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। 

मूर्ति बनाने के लिए मूर्तिकार पश्चिम बंगाल से आए हैं और मूर्ति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। शारदीय नवरात्र में वाराणसी के शहर और देहात के इलाकों को मिलाकर कुल 500 से अधिक दुर्गा पंडाल तैयार हो रहे है । मूर्तियां तैयार करने में जुटे मूर्तिकारों ने पहली बार प्लास्टर ऑफ पेरिस और रासायनिक रंगों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है। मिट्टी और पुआल से प्रतिमाएं गढ़ने के बाद उन्हें प्राकृतिक रंगों से ही रंगा जा रहा है। शहर के पांच से अधिक मूर्तिकला केंद्रों में इन दिनों कोलकाता के दो सौ से अधिक कारीगर प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। बंगाली टोला क्षेत्र के मूर्तिकार चितरंजन पाल ने कहा कि पिछले वर्षों की अपेक्षा अब मूर्तियों के आर्डर कम आने लगे हैं, उन्होंने इसकी वजह बताई की गंगा में मूर्तियों के विसर्जन पर रोक हैं इस लिए लोग कम मूर्ति बैठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां पहले हम लोग 100 मूर्ति तैयार करते थे अब 30-35 मूर्ति का ही आर्डर आ रहा हैं।

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