दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ परिसर में गोपाष्टमी महोत्सव मनाया गया। पंडित अंकित शर्मा के अनुसार गोपाष्टमी के दिन सुबह गायों को स्नान कराने के बाद शृंगार करें। गाय का पूजन करें और पैर छूएं। पूजन के बाद परिक्रमा अवश्य करें और गौ माता के पैरों की मिट्टी को मस्तक पर लगाएं। साथ ही हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
गाय माता की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर गोपाष्टमी मनाई जाता है। गोमाता को समर्पित पर्व में गायों की पूजा के साथ ही अनुष्ठान किए जाते हैं।आज काशी के मठों में स्थापित गोशालाओं में गोपूजन होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गायों का दर्शन-पूजन करना चाहिए और नैवेद्य अर्पण करना चाहिए।
Tags
Trending