धन त्रयोदशी पर लाखों भक्तों ने स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा का किया दर्शन, खजाना पाकर भक्त हुए निहाल

 धन त्रयोदशी के अवसर पर काशी में माता अन्नपूर्णा के दर्शन पूजन की विशेष मानता है इस दिन से लेकर अन्नकूट तक स्वर्णमई माता अन्नपूर्णा का दर्शन पूजन होता है और इस दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचते हैं. धन त्रयोदशी के अवसर पर भक्तों का वर्ष भर का इंतजार समाप्त हुआ और स्वर्ण मयी अन्नपूर्णा के दर्शन पूजन हेतु कपाट खोल गया। 

माता के दर्शन पूजन हेतु गुरुवार की देर रात्रि से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। मंदिर परिक्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाई गई थी जहां श्रद्धालु कतार में लग रहे । माता के श्रृंगार पूजन के पश्चात आम श्रद्धालुओं हेतु पट खोला गया और बाबा भोले को अन्य धन की भिक्षा देने वाली माता अन्नपूर्णा के दर्शन पूजन का क्रम इसी के साथ शुरू हो गया। 

आपको बता दे की हर वर्ष माता के दर्शन कर दिन होते हैं लेकिन इस बार 5 दिनों तक माता के दर्शन पूजन किये जा सकेंगे। मंदिर आने वाले भक्त अस्थाई सीढ़ी से होते हुए प्रथम तल पर विराजमान स्वर्णमई माता अन्नपूर्णा का दर्शन किया। वही धनतेरस के दिन विशेष रूप से माता के खजाने का वितरण किया जाता है और ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद को जो भी भक्त पता है उसे कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है माता अन्नपूर्णा का आशीष सदैव उनके साथ रहता है ऐसे में दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों में खजाने का वितरण हुआ तो भक्तों ने स्वयं को धन्य महसूस किया। माता के दर्शन के लिए अपार भीड़ उमड़ी हुई है और माता के दर्शन पूजन का क्रम निरंतर जारी है

आपको बता दे कि परंपरा के मुताबिक, मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा वाला मंदिर हर वर्ष धनतेरस के मौके पर ही चार दिन के लिए खुलता है. दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. लेकिन, इस बार दीपावली के दो दिन बाद अन्नकूट महोत्सव पड़ेगा. मंदिर में 500 साल पुरानी स्वर्ण प्रतिमा स्थापित हैं, जो मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के साथ ही विराजमान हैं. मंदिर के महंत शंकर पुरी जी महाराज ने बताया कि  धनतेरस के दिन मंदिर का अनमोल खजाना खोला जाता है. इसका महत्व मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाओं मे है. माना जाता है कि एक बार काशी में अकाल पड़ा था. तब भगवान शिव ने लोगों का पेट भरने के लिए मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी। मां ने भिक्षा के साथ भगवान शिव को यह वचन दिया कि काशी में कभी कोई भूखा नहीं सोएगा. काशी में आने वाले हर किसी को अन्न मां के ही आशीर्वाद से प्राप्त होता है। 

वही पर मां अन्नपूर्णा जो कनाडा से लाई गई जो बाबा विश्वनाथ दरबार में स्थापित हुई थी उनका भी दर्शन करने के लिए भक्तों का जनसलब उमड पड़ा भक्तों की खजाना पाने के लिए लंबी-लंबी कतार लगी हुई थी इस अवसर पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ धाम की भी अलौकिक छटा देखने को मिली काफी संख्या में भक्तों ने बाबा के दरबार में भी हाजिरी लगाई और विधिवत दर्शन पूजन किया पूरे धाम को आकर्षक रूप से सजाया गया है जो लोगों के मुख्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ है माता अन्नपूर्णा के दर्शन के पश्चात काफी संख्या में भक्ति बाबा के दरबार पहुंच रहे हैं।

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