बढ़ती बेरोज़गारी के बावजूद राजातालाब के ठेला पटरी व्यवसायियों को उजाड़ा जा रहा हैं, राजमार्ग के ओवरब्रिज के नीचे और दोनों किनारे दुकानें लगाकर किसी तरह रोज़ी रोटी कमाने वाले सैकड़ों लोग सड़क पर आ गए हैं। इसके चलते ठेला-खोमचा और पटरी व्यवसायी बेहाल हैं, उनकी रोजी रोटी छिन गई है। कैसे परिवार का भरण पोषण करें, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यह तब है जब इनके आजीविका संरक्षण के लिए बक़ायदा सुप्रीम कोर्ट का आदेश है और स्ट्रीट वेंडर एक्ट केंद्र सरकार कानून पास कर चुकी है।
राजातालाब हाईवे के किनारे ऐसे तमाम गरीब बेसहारा लोग हैं, जो विगत कई साल से ठेला खोमचा लगाकर अपनी रोजी रोटी चला रहे थे। बताया जा रहा है कि अब इनके ही क्षेत्र के रसूखदारों की शिकायत पर रेहड़ी पटरी वाले दुकानें पुलिस के संरक्षण में हटा दी गई। यह सब तब है जब ये सभी नियमित रूप से इन जगहों पर निवास तथा व्यापार करते आ रहे हैं। इन लोगों के पास मतदान परिचयपत्र, बिजली व पानी का बिल तथा अन्य सरकारी देनदारी अदा करने की रसीदें भी हैं