जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर देवाधिदेव पार्श्वनाथ जी के 2900वें एवं आठवें तीर्थंकर चन्द्र प्रभु भगवान के जन्म कल्याणक पर रविवार को भव्य समारोह के साथ शोभायात्रा निकाली गई। श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में ग्वाल दास साह लेन स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती मन्दिर से शोभायात्रा प्रारंभ होकर सोराकुंआ, ठठेरी बाजार होते हुए चौक पंहुची। चौक थाने के समीप भगवान द्वय के विग्रह को रजत नालकी से निकाल कर केशरिया वस्त्र पहने इन्द्रो ने एक विशाल रथ के कमल सिंहासन पर विराजमान कराकर आरती उतारी। पुनः राजशाही रथयात्रा प्रारंभ हुई। गजरथ रथयात्रा में भगवान पार्श्वनाथ के जन्म से लेकर मोक्ष तक की झांकियां शामिल थी।
जिस विशाल रथ मे भगवान द्वय विराजमान थे, उसे एरावत हाथी और भक्तगण खींचकर अपनी श्रद्धा -पुष्प अर्पित कर रहे थे। श्रद्धालु भक्तगण रास्ते भर आरती एवं पुष्प बर्षा कर रहे थे । कई जगह स्वागत द्वार बनाये गए थे। रथयात्रा बांसफाटक, गौदोलिया, जंगमबाडी होते हुए सोनारपुरा पहुंची। वहां भरतपुर (राजस्थान) से आई भजन मंडली द्वारा भजनो की प्रस्तुती की गई। भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर पहुंचने पर मन्दिर परिसर में भगवान के विग्रह को रजत रथ पर से उतार कर रजत नालकी पर विराजमान कर बधाई गीत संग अभिषेक व बिशेष पूजन किया गया। शोभायात्रा का संयोजन राकेश जैन, रत्नेश जैन एवं राजेश भूषण जैन ने किया। आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, राजेश जैन, विनोद जैन, संजय जैन आदि लोग शामिल रहे।