मकर संक्रांति पर काशी में जमकर हुई पतंगबाजी


मकर संक्रांति के अवसर पर काशी में पतंगबाजी लोगों के सिर चढ़कर बोली। भा कट्टे..की आवाजें दिनभर गूंजती रहीं। मानों समूचा शहर छतों पर जा चढ़ा हो। दिनभर डीजे और ढोल की धुनों के बीच शहर भर में पतंगबाजी की धूम रहीं। हर पतंग के कटने पर सिर्फ एक ही आवाज गूंजी भाक्काटा...। आसमान में सूर्य की लालिमा फूटने के साथ मकर संक्रांति पर घरों में चहल पहल शुरू हो गई थी। स्नान करने के बाद बच्चे अपनी-अपनी पतंगों के साथ घर के छतों पर डट गए तो कई मैदानों में दोस्तों के साथ मिलकर पतंगबाजी में मशगूल रहे। 

धूप खिलने के साथ पतंगबाजी का रंग और परवान चढ़ा। हर ओर रंग-बिरंगी पतंगे तितलियों की भांति आसमान में थिरकती दिखाई दीं। इसी कड़ी में विवेक नगर नसीरपुर सुसुवाही मे बच्चों के साथ कमेंट्री करते हुए दुर्गा पटेल के साथ लोग उन्ही के दिशा निर्देशन में पतंग उड़ाते दिखे।



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