व्यास जी के तहखाना में पूजा को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का हिंदू पक्ष ने किया स्वागत, मुंह मीठा करा कर जताया हर्ष

वाराणसी के ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में सोमवार का दिन अहम रहा। ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति देने के वाराणसी जिला अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। 

अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। वकील प्रभाष पांडे ने कहा कि हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जो मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की थीं। इसका मतलब है कि पूजा वैसे ही जारी रहेगी। जिला मजिस्ट्रेट 'तहखाना' के रिसीवर के रूप में बने रहेंगे। 

वही व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ को लेकर हाई कोर्ट का फैसला आने पर हिंदू पक्ष में उत्साह रहा। हिंदू पक्ष के वकील और वादिनी ने मिठाई खिलाई और कहा कि हाई कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में किसी तरह का साक्ष्य नहीं दिया गया। व्यास जी के तहखाने में 93 से पहले पूजा पाठ होती थी।


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