बनारस रेल इंजन कारखाना, वाराणसी के राजभाषा विभाग द्वारा बसंत पंचमी के अवसर पर आज कीर्ति कक्ष में निराला जयंती एवं हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बरेका के मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं मुख्य सामग्री प्रबंधक (लोको) श्री त्रिलोक कोठारी ने कहा कि तत्कालीन पराधीन भारतीय समाज में निराला की कविताओं से युगांतकारी परिवर्तन आया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में निराला की कविताओं ने नव-जागरण का कार्य किया।
हिंदी कार्यशाला को साहित्यिक स्वरूप देकर विषय प्रवर्तन करते हुए बरेका के वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि साहित्य में ही भाषा सुरक्षित रहती है। वरिष्ठ अनुवादक विजय प्रताप सिंह ने पं. सूर्य कान्त त्रिपाठी "निराला" का जीवन परिचय प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर बरेका की सहायक नर्सिंग अधिकारी गीता रानी चौधरी, एस. गुरुराजन आलोक कुमार पाण्डेय,अरविन्द प्रताप सिंह, पूनम श्रीवास्तव, बिजेन्द्र कुमार, आलोक कुमार सिंह, राजेश कुमार श्रीवास्तव, अंजना, प्रशांत कुमार राही, नीरज श्रीवास्तव, मिथिलेश कुमार, प्रयाग कुमार सिंह, मुकुल श्रीवास्तव एवं अखिलेश द्विवेदी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने निराला की कविताओं तोड़ती पत्थर, भिक्षुक, राम की शक्ति पूजा, गीत गाने दो मुझे, जागो फिर एक बार, सांध्य काकली रागविराग, भारति जय विजय करे, रंग गई पग-पग धन्य धरा, बाँधो न नाव इस ठाँव बंधु सहित अनेक कविताओं का पाठ कर आयोजन को सार्थक एवं सर्वग्राह्य बना दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ अनुवादक अमलेश श्रीवास्तव ने निराला और प्रसाद पर संक्षिप्त व्याख्यान दिया। अंत में वरिष्ठ अनुवादक विनोद कुमार श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया।