बंगीय संस्था ललित चक्र के 76वें वार्षिक उत्सव पर बांग्ला नाटक वासभूमि का हुआ मंचन

जीवन का अतीत अगर बेहद शानदार रहा हो और वर्तमान उससे कमतर हो गया तो व्यक्ति के आगे विडंबनाओं का पहाड़ खड़ा हो सकता है। वह विडंबना उसे न सिर्फ अतीत की याद दिलाती हैं बल्कि मौके-बेमौके दिल में टीस पैदा करती हैं। कुछ ऐसा ही संदेश बांग्ला नाटक 'वासभूमि' का रहा जिसका मंचन बंगीय संस्था ललित चक्र के 76 वें वार्षिक उत्सव में किया गया। 

नागरी नाटक मंडली के मुरारी लाल मेहता प्रेक्षागृह में मंचित नाटक पूर्व जमींदार आनंद मोहन और उनकी तीन पुत्रियों रेवती, हेमंती और जयंती के इर्दगिर्द घूमता रहा। उनके जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव और सुख दुख नाटक का केंद्रीय विषय रहे। 

नाटक में दीपक गुण, देवव्रत दास, देवेंदु मुखर्जी, राजेश अधिकारी,पल्लव भट्टाचार्य, सागर सरकार, मिताली चक्रवर्ती आदि ने अभिनय किया। इंद्राशीष लाहिड़ी की कहानी पर आधारित ये नाटक रहा। इससे पूर्व मुख्य अतिथि वरिष्ठ सांस्कृतिक समीक्षक पं. अमिताभ भट्टाचार्य ने दीप जला कर वार्षिक उत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर प्रकाशित स्मारिका का विमोचन भी किया। आगतों का स्वागत डॉ. उज्ज्वल कुमार बनर्जी, संचालन बर्णाली मंडल मजुमदार और धन्यवाद ज्ञापन देवाशीष चक्रवर्ती ने किया।


Post a Comment

Previous Post Next Post