यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वनाथ मंदिर पूजा को लेकर सवाल खड़े किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी ने पूजा के दौरान सिर पर फूलों की माला रखी हुई है। बाबा विश्वनाथ की तर्ज पर अपना श्रृंगार कराया गया है। ये धर्म संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि आज तक कभी किसी व्यक्ति का ऐसा श्रृंगार नहीं हुआ है। सवाल खड़े करते हुए पूछा कि क्या कभी किसी देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का इस तरह से श्रृंगार हुआ है? ऐसे तो बाबा विश्वनाथ का ही श्रृंगार हुआ है। वहीं, काशी के पंडितों का मानना है कि ये उनका श्रृंगार नहीं बल्कि बाबा विश्वनाथ को चढ़े मौर को प्रसाद के तौर पर उनके सिर पर रखा गया था।
अजय राय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बनारस के थे, उन्होंने ऐसा श्रृंगार नहीं कराया। संपूर्णानंद और पंडित कमलापति त्रिपाठी यूपी के मुख्यमंत्री थे, विश्वनाथ मंदिर से काफी जुड़े थे। लेकिन उन्होंने कभी ऐसा श्रृंगार नहीं कराया। बाबा विश्वनाथ की परंपरा का पालन करने वाले काशीराज विभूति नारायण या उनके बेटे अनंत नारायण ने भी कभी ऐसा श्रृंगार नहीं कराया था।
ये काशीवासियों का अपमान
अजय राय ने कहा कि ये श्रृंगार कभी किसी व्यक्ति नहीं हुआ। ये पूरी तरह से काशीवासियों का अपमान है। बाबा की परंपरा के साथ खिलवाड़ किया गया है। इसके लिए काशी के लोगों से माफी मांगे और बाबा विश्वनाथ के दरबार में क्षमा मांगे। खुद को स्वयंभू मान बैठे हैं।
बाबा का मौर है, श्रृंगार नहीं
काशी विश्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी पंडित वेंकट रमन घनपाठी ने कहा कि ये प्रसाद के तौर पर प्रधानमंत्री को दिया गया था। बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया विजय श्री मौर उनके सिर पर रखा गया था। हर साल ये प्रसाद के तौर पर बाबा के भक्तों को दिए जाते हैं। इस प्रसाद को अपने सिर लगाने का अर्थ यह नहीं है, कि उनका श्रृंगार किया गया है।