शुक्रवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री समतामूलक समाज के संवाहक बाबू जगजीवन राम की 117 वी जयंती दी रविदास स्मारक सोसायटी के तत्वाधान में संत रविदास मंदिर, राजघाट में मनायी गयी। प्रागंण में स्थित बाबू जगजीवन राम के प्रतिमा पर लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
"समता मूलक समाज और बाबू जगजीवन राम" विषयक संगोष्ठी की विषय स्थापना करते हुए साहित्यकार डॉ० जयशंकर जय ने कहा- बाबू जगजीवन राम का जीवन भारतीयता से ओत-प्रोत था लेकिन वह छुआ-छूत पाखण्ड के प्रबल विरोधी रहे, वे जीवन भर समता मूलक समाज की स्थापना के लिए कार्य किये, वह एकता अखण्डता व सम्प्रभुता के संम्पोषक थे। मुख्य अतिथि मंहत डा० भारत भूषण ने अपने उद्बोधन में कहाँ - जगजीवन राम चलित वंचित, शोषित की आवाज थे सर्व धर्म समभाव के उपासक रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीराम जानकी मंदिर के रामेश्वर दास ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।