अखिल भारत हिंदू महासभा ने वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरी किन्नर महामंडलेश्वर का नाम वापस लिया

अखिल भारत हिंदू महासभा की तरफ से चुनाव लड़ने का दावा करने वाली पहली किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने वापस ले लिया है। उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी।

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में उठाया गया कदम है। वहीं, इस मामले में महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि हम किन्नरों के हक के लिए निर्दलीय चुनाव वाराणसी से लड़ेंगे।एक वीडियो जारी करते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनके रहते धारा 370 समाप्त हुआ। श्री राम मंदिर बना तो यह हम सबका कर्तव्य है कि सभी राजनीतिक पार्टियों को वैचारिक मतभेद होते हुए भी अपने प्रत्याशी को वापस लेने चाहिए। हमने‌ वाराणसी से अपने प्रत्याशी किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी का नाम वापस लेने का निर्माण लिया है। यह पीएम मोदी के देश हित में किए गए कार्यों के लिए उनके प्रति सम्मान है।स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि श्री राम मंदिर मामले में हम मुख्य पक्षकार थे लेकिन हमें राम मंदिर ट्रस्ट में नहीं रखा गया। न ही हमें निमंत्रण दिया गया। हमें बहुत अपार कष्ट हुआ लेकिन उसके बावजूद भी जब बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान की आती है तो यह सब शिकायतें बहुत छोटी हो जाती हैं। हमारा कर्तव्य है की छोटी-मोटी बातों को भूल कर बिना शर्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ और समर्थन दिया जाए। यही वजह है कि हमने प्रत्याशी हटाने का निर्णय लिया है।स्वामी चक्रपाणि के वीडियो सामने आने के बाद जब किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी से उनके विचार पूछे गए तो उन्होंने भारतीय निर्वाचन आयोग सचिवालय का एक लेटर भेजते हुए कहा कि वह अपने प्रत्याशी नहीं उतार सकते क्योंकि चुनाव में कर चुके हैं। लेकिन हम वाराणसी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे की तैयारी कर रहे हैं।

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