सराय नंदन खोजवा में स्थित प्राचीन शीतला मंदिर पिछले कुछ समय से बेहद ही दयनीय अवस्था में हो गया था यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि यहां पर बंजारे आते थे शीतल जल पीकर के प्यास बुझाते थे और माता का दर्शन करते थे यह मंदिर लगभग 300 से 350 वर्ष पुराना बताया जाता है आज भी यहां एक ऐसा पत्थर है जो बेहद ही प्राचीन युग में पाया जाता था ।
पिछले 20 वर्षों से मंदिर एकदम जीर्ण हो गया था अब जाकर यहां के लोगों द्वारा मंदिर का जन्म उधर हुआ है आज मंदिर एक भव्य रूप में दिखाई पड़ता है इसमें सबसे अधिक योगदान पंडित अनुराग दुबे राजू तिवारी अनुज चौरसिया पंडित अमरीश दत्त पाठक और सभी सम्मानित गण का है लोगों का कहना है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। वहीं नवरात्र में मंदिर प्रांगण में हवन पूजन का कार्यक्रम हुआ उसके बाद आरती की गई और भक्तों में प्रसाद का वितरण हुआ।