सत्तू संक्रांति के अवसर पर लोगों ने गंगा स्नान कर किया दान पुण्य

हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी 14 अप्रैल को सत्तू संक्रांति मनाई गयी। भगवान भास्कर के मेष राशि पर आने पर सत्तू संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। 

इस मौके पर पवित्र नदियों में स्नान, सत्तू दान किया जाता है। वैशाख की शुरुआत होने के साथ ही शुभ व मांगलिक कार्य शुरू हो जाते है । मेष संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान का खास महत्व है। स्नान बाद सत्तू, पंखा व जल आदि का दान किया जाता है। मेष संक्रांति पर दान व पितरों के निमित्त तर्पण से अक्षय पुण्य प्राप्ति होती है। सुराही-घट, सत्तू दान से पापों का क्षय होता है। 

इसी कड़ी में काशी के गंगा घाटों पर भोर से ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। लोगों ने गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई और इसके बाद परंपरा के अनुसार सत्तू गुड़ घड़ा सुराही पंखा बेल इत्यादि वस्तुओं का दान किया।


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