कोटा में इस साल में हुआ यह दसवां सुसाइड है। इस बार 12वीं के छात्र ने अपनी जान दे दी है। 17 साल के छात्र का नाम ऋषित अग्रवाल था जो मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए कोटा आया था और वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला था। बीते दिन इसका हाल-चाल पूछने के लिए उसके माता-पिता ने ऋषित को फोन किया तो काफी देर तक उसने फोन नहीं उठाया। जिसके बाद माता-पिता ने पीजी संचालक को फोन करके बच्चे के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला उसने कमरा अंदर से बंद किया है। मौके पर दादाबाड़ी पुलिस को बुलाया गया। तब जाकर पता चला कि ऋषित अग्रवाल ने सुसाइड कर लिया है।माता-पिता रोज करते थे बात फिर भी बेटे ने कर लिया सुसाइड
दादाबाड़ी थाना पुलिस ने बताया ऋषित अग्रवाल 12th क्लास के साथ नीट यूजी की तैयारी कर रहा था ।वह पढ़ाई में होशियार था। काफी समय से वह कोटा में ही था। माता-पिता लगभग हर रोज उससे बातचीत करते थे। मां सवेरे बात करती थी और पिता दोपहर या शाम को बेटे की खैर खबर लेते थें। सब कुछ सही था , लेकिन उसके बावजूद भी ऋषित ने आत्महत्या कर ली।इतना प्रेशर था कि नहीं रह सका जिंदा। दादाबाड़ी थाना पुलिस ने बताया कि कोटा में इस साल अब तक मई के महीने तक 10 बच्चे सुसाइड कर चुकें हैं। लगभग हर दूसरे बच्चे की मौत का कारण पढ़ाई का प्रेशर है। जिला प्रशासन , पुलिस, कोचिंग संचालक , माता-पिता सब लोग मिलकर प्रेशर को कम करने की कोशिश कर रहे हैं ,लेकिन उसके बावजूद भी बच्चे अपनी जान दे रहे हैं। कोटा पुलिस अधीक्षक से लेकर कोटा कलेक्टर तक ने बच्चों की काउंसिलिंग कराई है। यहां तक कि आध्यात्मिक संतों का व्याख्यान भी कराया। लेकिन शिक्षानगरी कोटा में छात्रों के सुसाइड करने के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहें हैं।