सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ का दरबार शिवभक्तों से बम-बम रहेगा। मंदिर प्रशासन ने भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीन श्रेणियों में धाम को विभाजित किया जाएगा।
इसके साथ ही धाम में प्रवेश के लिए दो और गेट तैयार होंगे। वहीं, सावन में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार खास इंतजाम होंगे। सावन महीने की शुरुआत प्रीति योग और श्रावण नक्षत्र में 22 जुलाई से हो रही है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से श्रद्धालु काशी आएंगे।पिछले साल सावन दो महीने का होने कारण 1.63 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करके नया रिकॉर्ड बनाया था। इस बार भी बाबा के दरबार में भारी संख्या में श्रद्धाओं के आने की संभावना है।मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र का कहना है कि इस बार सावन की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव आगामी सुरक्षा बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद इसे पूर्ण रूप दिया जाएगा।
पिछले साल प्रवेश द्वार से ही था निकास का इंतजाम
पिछले साल सावन में श्रद्धालु जिस द्वार से प्रवेश कर रहे थें उसी द्वार से निकास का भी इंतजाम था। गंगा द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पूर्वी द्वार से, मैदागिन की ओर से आने वाले दर्शनार्थी उत्तरी द्वार, सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले दर्शनार्थी दक्षिणी द्वार और ढुंढीराज गली की ओर से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा का दर्शन कर रहे थें।
मंगला आरती और सुगम दर्शन के शुल्क में भी होगी बढ़ोतरी
सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के शुल्क में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसका प्रस्ताव भी तैयार हो रहा है। सोमवार को होने वाली मंगला आरती का टिकट 500 रुपये की जगह दो हजार हो सकता है।इसके अलावा सुगम दर्शन, रुद्राभिषेक, संन्यासी भोग और सावन के शृंगार का शुल्क भी बढ़ने की संभावनाएं हैं।सावन में सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 500 रुपये, मंगला आरती के लिए 1000 रुपये, मध्याह्न भोग आरती के लिए 500 रुपये, सप्तर्षि आरती के लिए 500, भोग आरती के लिए 500 रुपये देने पड़ सकते हैं। इसी तरह एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने के लिए 700, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 4500 रुपये शुल्क निर्धारित हो सकते हैं।वहीं सावन के सोमवार पर सुगम दर्शन के लिए 750 रुपये, मंगला आरती के लिए 2000 रुपये, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 3000 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 7500 रुपये और शृंगार के लिए 20 हजार रुपये शुल्क देने पड़ सकते हैं।